**नई दिल्ली, 5 सितंबर 2023** -

 मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा को यस बैंक से लिए गए 8400 करोड़ रुपये के कर्ज में से 6900 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए हैं। इस फैसले से विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि यह अरबपतियों को बचाने की एक और कोशिश है।



सुभाष चंद्रा ने यस बैंक से 2012 में 8400 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस कर्ज का इस्तेमाल उन्होंने अपने मीडिया कारोबार को बढ़ाने के लिए किया था। हालांकि, बाद में चंद्रा का कारोबार घाटे में चला गया और उन्हें कर्ज चुकाने में दिक्कत हुई।


यस बैंक से कर्ज की वसूली के लिए जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (जेसीएफआरसी) ने सुभाष चंद्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में चंद्रा के पक्ष में फैसला दिया था।


इस फैसले के बाद जेसीएफआरसी ने सुभाष चंद्रा के साथ समझौता करने का प्रयास किया। इस समझौते के तहत चंद्रा को 1500 करोड़ रुपये चुकाने होंगे और बाकी 6900 करोड़ रुपये माफ कर दिए जाएंगे।


सुभाष चंद्रा को कर्ज माफ किए जाने के फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे सरकार की तानाशाही और भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बताया है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "यह फैसला आम लोगों की पीड़ा को नजरअंदाज करने वाला है। सरकार अरबपतियों को बचाने के लिए हर हद पार कर रही है।"


आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने भी इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "यह फैसला देश के संविधान के खिलाफ है। सरकार अरबपतियों को बचाने के लिए गरीबों के पैसे लूट रही है।"


सुभाष चंद्रा ने कर्ज माफ किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "यह एक न्यायसंगत फैसला है। मैं यस बैंक के कर्मचारियों और शेयरधारकों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस मुश्किल समय में मेरा साथ दिया।"


**कर्ज माफ किए जाने के कुछ संभावित कारण**


* यस बैंक को सुभाष चंद्रा के खिलाफ कानूनी लड़ाई में हार का सामना करना पड़ सकता था।

* सरकार सुभाष चंद्रा के मीडिया कारोबार को बचाना चाहती थी।

* सरकार सुभाष चंद्रा को राजनीतिक समर्थन देना चाहती थी।


इन कारणों के आधार पर यह माना जा सकता है कि सुभाष चंद्रा को कर्ज माफ किए जाने के पीछे सरकार की कुछ राजनीतिक और आर्थिक वजहें हो सकती हैं।