चींटी और टिड्डा। मेहनत का फल मीठा होता है। बेस्ट मोरल स्टोरी
एक बार की बात है, एक चींटी और एक टिड्डा थे। चींटी बहुत मेहनती थी और वह गर्मी के दिनों में भी कड़ी मेहनत करके भोजन का संग्रह करती थी। टिड्डा आलसी था और वह गर्मी के दिनों में भी मस्ती करता रहता था।
एक दिन, चींटी खेत में अनाज इकट्ठा कर रही थी। तभी टिड्डा आया और उससे बोला, "चिंटी, तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो? मौसम बहुत अच्छा है। चलकर मेरे साथ खेलें।"
चींटी ने कहा, "टिड्डा, मुझे पता है कि मौसम अच्छा है, लेकिन जल्द ही सर्दी आ जाएगी। तब तक मुझे भोजन का भंडार करना होगा।"
टिड्डा ने चींटी की बात पर ध्यान नहीं दिया और वह खेलने चला गया।
गर्मी के दिन धीरे-धीरे बीत गए और सर्दी का मौसम आ गया। चींटी ने अपने भंडार से भोजन निकाला और खाया। टिड्डा भूख से तड़पता रहा क्योंकि उसके पास कोई भोजन नहीं था।
एक दिन, टिड्डा भूख से मरने के कगार पर था। वह चींटी के पास गया और उससे भोजन माँगा।
चींटी ने टिड्डे को भोजन दिया और उसे समझाया कि उसे मेहनत करनी चाहिए। टिड्डा चींटी की बात सुनकर पछताया और उसने मेहनत करना शुरू कर दिया।
**शिक्षा:**
* मेहनत का फल मीठा होता है।
* आलस्य बुरी आदत है।
* समय पर काम करना चाहिए।
**अतिरिक्त शिक्षा:**
* चींटी और टिड्डा की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत का फल मीठा होता है। आलस्य बुरी आदत है। समय पर काम करना चाहिए।
* बच्चों को मेहनती बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
* बच्चों को आलस्य के बुरे परिणामों के बारे में बताना चाहिए।
* बच्चों को समय पर काम करने के महत्व के बारे में बताना चाहिए।
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