**G20 शिखर सम्मेलन: भारत ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा की**



**नई दिल्ली, 10 सितंबर, 2023** - भारत की मेजबानी में G20 शिखर सम्मेलन का समापन हो गया। इस दौरान, नेताओं ने वैश्विक आर्थिक मंदी, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की।


अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर, नेताओं ने वैश्विक आर्थिक मंदी के जोखिमों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति जैसे कारकों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। नेताओं ने कहा कि उन्हें मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि इन चुनौतियों का सामना किया जा सके और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।


जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर, नेताओं ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। नेताओं ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय समझौते पर अमल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


वैश्विक सुरक्षा के मुद्दे पर, नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि युद्ध एक गंभीर खतरा है और इसे जल्द से जल्द समाप्त करने की जरूरत है। नेताओं ने कहा कि वह यूक्रेन को मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


**भारतीय पहल**


इस सम्मेलन में भारत ने कई महत्वपूर्ण पहल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा की। इस गठबंधन का उद्देश्य वैश्विक जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन भारत की पहल है। यह गठबंधन जलवायु परिवर्तन से लड़ने और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।"


प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पहल के तहत, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी।


**भारत को क्या फायदा होगा?**


भारत को वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से कई फायदे होंगे। सबसे पहले, यह गठबंधन भारत को अपने जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जैव ईंधन उत्पादक है, और इसमें इस क्षेत्र में बढ़ने की क्षमता है।


दूसरा, यह गठबंधन भारत को अपने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा। जैव ईंधन एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भर होने में मदद करेगा।

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर, नेताओं ने वैश्विक आर्थिक मंदी के जोखिमों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति जैसे कारकों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। नेताओं ने कहा कि उन्हें मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि इन चुनौतियों का सामना किया जा सके और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।


जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर, नेताओं ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। नेताओं ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय समझौते पर अमल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


वैश्विक सुरक्षा के मुद्दे पर, नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि युद्ध एक गंभीर खतरा है और इसे जल्द से जल्द समाप्त करने की जरूरत है। नेताओं ने कहा कि वह यूक्रेन को मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


**भारतीय पहल**


इस सम्मेलन में भारत ने कई महत्वपूर्ण पहल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा की। इस गठबंधन का उद्देश्य वैश्विक जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन भारत की पहल है। यह गठबंधन जलवायु परिवर्तन से लड़ने और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।"


प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पहल के तहत, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी।


**अन्य महत्वपूर्ण निर्णय**


नेताओं ने एक संयुक्त घोषणा जारी की जिसमें उन्होंने वैश्विक आर्थिक मंदी को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने का वादा किया।


संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि नेताओं ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और वैश्विक आर्थिक मंदी को रोकने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने का वादा किया। उन्होंने कृषि और खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान देने का वादा किया।


संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि नेताओं ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए भी मिलकर काम करने की जरूरत है।


संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा की और इसे जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन को मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


**निष्कर्ष**


G20 शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच है जहां वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस सम्मेलन में भारत ने कई महत्वपूर्ण पहल की और वैश्विक आर्थिक मंदी, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।

तीसरा, यह गठबंधन भारत को वैश्विक जैव ईंधन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करेगा। वैश्विक जैव ईंधन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और भारत इस बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की स्थिति में है।

वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह गठबंधन भारत को अपने जैव ईंधन उत्पादन, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करेगा।