मार गई महगाई
बचपन में मार थी
बापू की खाई
माँ की मार कुछ
कम नहीं थी भाई
स्कूल गया तो पंडीजी ने
डंडा लगाई .......
सब कुछ भूल गया
जब मार गई मेहगाईं
कुछ बड़ा हुआ तो
शुरू हुई
कॉलेज की पढाई
पंडी जी बदल कर
तब सर जी कहाई
छोटी मोटी वहाँ भी
तब होती रही लड़ाई
सब कुछ भूल गया
जब मार गई मेह्गाई
ख़तम हुई पढ़ाई
तो हो गई सगाई
बीबी आई घर में
बाहर बजी शहनाई
सबकी तो खूब जमी
पर मेरी सहमत आई
सबकोच भूल गया
जब मार गई महगाई
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