मैं  कल की लड़की हूँ 

मैने नहीं देखा है 
 खेतो में कैसे फूटती है पीके  
मानसरोबर  में  है हंस मनाता कैसे 
जब  हंसिनी है रूठे 
पर मेने देखा है...... 
निशा की गोद  में 
सुनहली बलि को 
समीर कैसे सहला रहा था 
सोती मखमली सेज पर 
फालिका को हिला हिला कर 
हलवे से गुदगुदा रहा था 
में कल की लड़की हूँ। ..... 
मैंने नहीं देखे आमों के बौरे 
अरु शहतूते के टोटे 
पर मैने देखा है। ..  
कजरारी रातो में 
अंबुजा अवनी  को 
गले लगा रहा था
 थरथराती नायिका को
 आलिंगन में बैथे 
पसीने से नाहा रहा था में
में कल की लड़की हूँ 
                                                                                          मेने नहीं देखा है। ...