-->

आम आदमी पार्टी का सफर: जब आम लोगों ने लिखी राजनीति की नई परिभाषा

आम आदमी पार्टी का सफर: जब आम लोगों ने लिखी राजनीति की नई परिभाषा

2012 का साल। दिल्ली की सड़कों पर जन लोकपाल आंदोलन की गूंज थी। लोग तिरंगे के साथ नारे लगा रहे थे। "भ्रष्टाचार हटाओ, जन लोकपाल लाओ" का जुनून हर तरफ था। उसी भीड़ के बीच एक ऐसा चेहरा उभरा जिसने शायद उस वक्त भी यह तय कर लिया था कि केवल आवाज़ उठाने से काम नहीं चलेगा, सिस्टम के भीतर जाकर बदलाव लाना होगा। यह चेहरा था अरविंद केजरीवाल का।  



26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी (AAP) का जन्म हुआ। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक सपना था। एक ऐसा सपना, जिसमें हर आम आदमी खुद को राजनीति का हिस्सा मान सके। यह पार्टी बनी, तो कुछ बड़े वादों के साथ: ईमानदार राजनीति, पारदर्शी शासन, और आम जनता के लिए काम करने का जुनून।  

जब AAP ने बदली दिल्ली की सूरत

2013 में AAP ने पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा। राजनीति के बड़े-बड़े नामों और पार्टियों के बीच इस नए दल को शुरुआत में हल्के में लिया गया। लेकिन जब नतीजे आए, तो सभी हैरान रह गए। AAP ने 28 सीटें जीतीं और अरविंद केजरीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर सबका ध्यान खींच लिया।  

हालांकि यह सरकार सिर्फ 49 दिनों तक चली। लेकिन इतने कम समय में भी AAP ने यह साबित कर दिया कि वह पारंपरिक राजनीति से अलग है। उन्होंने सादगी और ईमानदारी का जो संदेश दिया, उसने जनता के दिलों में जगह बना ली।  

2015 में जब दिल्ली में दोबारा चुनाव हुए, तो AAP ने इतिहास रच दिया। 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल कर यह साबित कर दिया कि लोग बदलाव चाहते हैं।  

दिल्ली मॉडल: शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांति

पार्टी की असली ताकत उसके कामकाज में दिखी। जब AAP सत्ता में आई, तो सबसे पहले उसने शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता बनाया।  

शिक्षा में सुधार:

   दिल्ली के सरकारी स्कूलों की दशा बदल गई। आधुनिक सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम, और शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण जैसे कदम उठाए गए। सरकारी स्कूलों के परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर आने लगे।  

स्वास्थ्य में मोहल्ला क्लीनिक:

   मोहल्ला क्लीनिक ने आम जनता को घर के पास ही किफायती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दीं। ये क्लीनिक न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देश और विदेशों में भी चर्चा का विषय बने।  

बिजली और पानी सस्ता:

   दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त और 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने का फैसला गरीब और मध्यम वर्ग के लिए राहत लेकर आया।  

महिला सुरक्षा और सार्वजनिक सेवाएं

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर AAP ने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क बनाया और सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की व्यवस्था की। ये कदम न केवल महिलाओं को सुरक्षा का एहसास दिलाते हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाते हैं।  

AAP की चुनौतियां और आलोचनाएं

हर सफलता की अपनी चुनौतियां होती हैं। AAP भी इससे अछूती नहीं रही।  

1. पार्टी के शुरुआती दौर में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे बड़े नेताओं का अलग होना पार्टी के लिए बड़ा झटका था।  

2. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर लगातार विवाद होते रहे।  

3. राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में ज्यादा सफलता नहीं मिली।  

लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद, AAP ने अपनी छवि को बनाए रखा।  

पंजाब में AAP की नई कहानी

दिल्ली में सफलता के बाद AAP ने अपने विस्तार की कोशिश की। 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। भगवंत मान के नेतृत्व में AAP ने यह दिखाया कि उसका "दिल्ली मॉडल" अन्य राज्यों में भी लागू हो सकता है।  

जब राजनीति बनी सेवा का माध्यम

AAP ने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाने की कोशिश की। पार्टी का यह कहना है कि वह जनता की बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देती है। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, या महिलाओं की सुरक्षा, AAP ने हर क्षेत्र में ऐसी योजनाएं लागू कीं, जो आम आदमी के जीवन को सीधे प्रभावित करती हैं।  

आम आदमी का सपना

आम आदमी पार्टी की यात्रा यह दिखाती है कि अगर लोग एकजुट होकर राजनीति में उतरें, तो बड़ा बदलाव संभव है। यह पार्टी उन लाखों लोगों की उम्मीद बन गई है, जो राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी चाहते हैं।  

2012 में एक छोटे से दायरे से शुरू हुई यह पार्टी आज एक राष्ट्रीय पहचान बन चुकी है। पंजाब की जीत और अन्य राज्यों में बढ़ती लोकप्रियता इस बात का संकेत है कि AAP का सफर अभी लंबा है।  

आम आदमी पार्टी का गठन केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत थी। AAP ने यह साबित किया है कि राजनीति सिर्फ सत्ता का खेल नहीं, बल्कि लोगों की सेवा का माध्यम भी हो सकती है।  

आज जब AAP अपना स्थापना दिवस मना रही है, तो यह सिर्फ उसकी उपलब्धियों का उत्सव नहीं, बल्कि एक नए तरीके की राजनीति के प्रति विश्वास का जश्न भी है।

0 Response to "आम आदमी पार्टी का सफर: जब आम लोगों ने लिखी राजनीति की नई परिभाषा "

Ads on article

advertising articles 2

Advertise under the article

Star Rating

Rate Suleman Plumbing Services

Total Ratings: 789

Average Rating: 5.0