विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के एक प्रमुख राजनेता थे जिन्होंने देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की थी। उनका कार्यकाल 2 दिसंबर, 1989 से 10 नवंबर, 1990 तक रहा।

 प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक करियर

जन्म: 25 जून, 1931

राजनीतिक यात्रा: उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बाद में वे जनता दल के प्रमुख नेता बने।












मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: 1980 में वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

राष्ट्रीय स्तर पर उदय: 1989 में उन्होंने कांग्रेस को हराकर केंद्र में सरकार बनाई।

 प्रधानमंत्री काल (1989-1990)

मंडल आयोग: उनके कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करना था। इस निर्णय ने पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने का रास्ता खोला।

राम जन्मभूमि आंदोलन: उनके कार्यकाल के दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन अपने चरम पर था। उन्होंने इस मुद्दे को संभालने में काफी चुनौतियों का सामना किया।

राजनीतिक अस्थिरता: उनकी सरकार राजनीतिक अस्थिरता का शिकार हुई और उन्हें 1990 में इस्तीफा देना पड़ा।

निधन

27 नवंबर, 2008:** विश्वनाथ प्रताप सिंह का 27 नवंबर, 2008 को निधन हो गया। 

कारण: लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ था।

विरासत

विश्वनाथ प्रताप सिंह को एक ईमानदार और सिद्धांतवादी नेता के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने पिछड़े वर्गों के हितों के लिए काफी काम किया और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करके एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। हालांकि, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

ये बाते जरूर पढ़े

राजपूत पृष्ठभूमि:** विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म एक राजपूत परिवार में हुआ था। वे मांडा संपत्ति के राजा राम गोपाल सिंह के दत्तक पुत्र थे।

* **छात्र राजनीति:** वे अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे। इलाहाबाद और पूना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वे छात्र संघों से जुड़े रहे।

* **भूदान आंदोलन:** 1957 में उन्होंने भूदान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

* **मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री:** 1980 से 1982 तक वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

* **बोफोर्स घोटाला:** राजीव गांधी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने बोफोर्स तोप दलाली मामले में अपनी ही सरकार की आलोचना की थी।

* **मंडल आयोग:** प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया, जिससे पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिला।

* **कवि और चित्रकार:** राजनीति के अलावा वे एक कुशल कवि और चित्रकार भी थे।

* **नेपाल में लोकप्रियता:** उनके प्रधानमंत्री बनने पर नेपाल में खुशी का माहौल था क्योंकि वे नेपाल मूल के थे।

* **अंतिम समय:** अपने अंतिम समय में वे काफी बीमार रहते थे और 27 नवंबर, 2008 को उनका निधन हो गया।

**विश्वनाथ प्रताप सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी और पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा की।**