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Grow App Full Tutorial: पैसे Add करना, शेयर Buy/Sell करना, सब कुछ सीखें

ग्रो ऐप के जरिए शेयर मार्केट में निवेश: एक विस्तृत गाइड

ग्रो ऐप के जरिए शेयर मार्केट में निवेश: एक विस्तृत गाइड

आज हम बात करेंगे कि आप ग्रो ऐप (Groww) के जरिए शेयर मार्केट में निवेश कैसे शुरू कर सकते हैं। इस गाइड में मैं आपको स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस दिखाऊंगा, जिसमें शेयर खरीदना, शेयर बेचना, ग्रो ऐप में पैसे ऐड करना, और प्रॉफिट को अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना शामिल है। इसके अलावा, हम ग्रो ऐप की खासियतें (जैसे निफ्टी 50, बैंक निफ्टी, IPO), फंडामेंटल एनालिसिस, और डीप स्किल्स की जानकारी भी कवर करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं!

ग्रो ऐप क्या है और यह कैसे काम करता है?

ग्रो ऐप एक ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है जो आपको शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, IPO, और फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) में निवेश करने की सुविधा देता है। यह यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस और आसान प्रोसेस के लिए जाना जाता है। आप ग्रो ऐप के जरिए:

  • स्टॉक (शेयर) खरीद और बेच सकते हैं।
  • म्यूचुअल फंड में SIP शुरू कर सकते हैं।
  • IPO में अप्लाई कर सकते हैं।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग और F&O में निवेश कर सकते हैं।

ग्रो ऐप का मुख्य उद्देश्य इन्वेस्टमेंट को आसान और सभी के लिए सुलभ बनाना है। यह डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों प्रदान करता है।

ग्रो ऐप पर डिमैट अकाउंट खोलें (रेफरल लिंक)

ग्रो ऐप के फायदे और नुकसान

फायदे

  • यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस: नौसिखिए निवेशकों के लिए आसान।
  • कम ब्रोकरेज: शेयर खरीदने-बेचने पर कम चार्जेस।
  • मल्टीपल इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस: स्टॉक, म्यूचुअल फंड, IPO, F&O।
  • एजुकेशनल रिसोर्सेस: इन्वेस्टमेंट टिप्स और गाइड्स।
  • रिस्पॉन्सिव सपोर्ट: कस्टमर केयर और चैट सपोर्ट।

नुकसान

  • सीमित रिसर्च टूल्स: एडवांस्ड ट्रेडर्स के लिए रिसर्च टूल्स कम हैं।
  • इंट्राडे चार्जेस: इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ प्लेटफॉर्म्स से ज्यादा चार्ज।
  • सीमित चार्टिंग: एडवांस्ड चार्टिंग फीचर्स की कमी।
  • कभी-कभी सर्वर स्लो: हाई ट्रैफिक के दौरान ऐप धीमा हो सकता है।

डीप स्किल्स: शेयर मार्केट की गहरी समझ

शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कुछ डीप स्किल्स और नॉलेज की जरूरत होती है, जो आपके निवेश को सुरक्षित और प्रॉफिटेबल बना सकती है।

फंडामेंटल एनालिसिस

कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझें। इसमें शामिल है:

  • रिवेन्यू और प्रॉफिट: कंपनी की आय और मुनाफा हर साल बढ़ रहा है या नहीं।
  • नेट वर्थ: कंपनी की कुल वैल्यू (एसेट्स - लायबिलिटी)।
  • P/E रेशियो: प्राइस टू अर्निंग रेशियो यह बताता है कि शेयर ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड।
  • डेट टू इक्विटी: कंपनी के ऊपर कितना कर्ज है।

टेक्निकल एनालिसिस

शेयर के प्राइस मूवमेंट को समझें। इसमें शामिल है:

  • कैंडलस्टिक पैटर्न: शेयर प्राइस के ट्रेंड को समझने के लिए।
  • मूविंग एवरेज: 50-दिन और 200-दिन की मूविंग एवरेज।
  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस: शेयर प्राइस के लेवल्स जहां यह रुकता या उछलता है।
  • RSI: रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स यह बताता है कि शेयर ओवरबॉट या ओवरसोल्ड है।

मार्केट सेंटिमेंट

मार्केट के मूड को समझें:

  • न्यूज़ और इवेंट्स: कंपनी से संबंधित खबरें और घोषणाएं।
  • इंडेक्स मूवमेंट: निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी की दिशा।
  • FII/DII डेटा: विदेशी और डोमेस्टिक संस्थागत निवेशकों की खरीद-बिक्री।

इन स्किल्स को सीखने के लिए आप ऑनलाइन कोर्स, किताबें (जैसे "The Intelligent Investor" by Benjamin Graham), और ग्रो ऐप के एजुकेशनल रिसोर्सेस का उपयोग कर सकते हैं।

निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी क्या है?

ग्रो ऐप की होम स्क्रीन पर आपको निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी दिखाई देता है। आइए समझते हैं कि ये क्या हैं और इनसे क्या पता चलता है:

  • निफ्टी 50: यह भारत की टॉप 50 कंपनियों का इंडेक्स है, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टेड हैं। इसमें रिलायंस, TCS, HDFC बैंक जैसी कंपनियां शामिल हैं। उदाहरण के लिए, अगर निफ्टी 50 का करंट प्राइस 17645 है और यह 1% गिर गया है (लगभग 181 रुपये), तो इसका मतलब है कि मार्केट डाउन ट्रेंड में है।
  • बैंक निफ्टी: यह टॉप 12 बैंकों का इंडेक्स है, जैसे HDFC बैंक, ICICI बैंक, SBI, और कोटक महिंद्रा बैंक। अगर बैंक निफ्टी का प्राइस 42000 है और यह 0.26% गिर गया है, तो इसका मतलब है कि बैंकिंग सेक्टर में गिरावट है।

इन इंडेक्स को देखकर आप शेयर मार्केट की दिशा का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी दोनों गिर रहे हैं, तो मार्केट में बिकवाली का दबाव है।

ग्रो ऐप के एक्सप्लोर सेक्शन की जानकारी

ग्रो ऐप का एक्सप्लोर सेक्शन आपको मार्केट की लेटेस्ट जानकारी देता है। यहाँ मुख्य फीचर्स हैं:

मोस्ट बाउट ऑन ग्रो

यह दिखाता है कि ग्रो पर सबसे ज्यादा खरीदे जा रहे शेयर कौन से हैं। उदाहरण: इंफोसिस, विप्रो, टाटा स्टील, निप्पन।

प्रोडक्ट्स और टूल्स

यहाँ से आप स्टॉक, F&O, इंट्राडे ट्रेडिंग, और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

IPO

IPO सेक्शन में ओपन, क्लोज्ड, और अपकमिंग IPO दिखते हैं। उदाहरण: मामा अर्थ, ओयो।

टॉप गेनर्स और लूज़र्स

टॉप गेनर्स में वे शेयर दिखते हैं जिनके प्राइस सबसे ज्यादा बढ़े (जैसे नेस्ले इंडिया, 3.70% ऊपर), और टॉप लूज़र्स में वे शेयर जिनके प्राइस गिरे (जैसे इंफोसिस, 10.76% नीचे)।

मार्केट न्यूज़

यहाँ शेयर मार्केट से संबंधित लेटेस्ट न्यूज़ दिखती हैं।

ग्रो ऐप में शेयर कैसे खरीदें?

ग्रो ऐप में शेयर खरीदने की प्रक्रिया आसान है। यहाँ स्टेप-बाय-स्टेप गाइड है:

  1. ऐप ओपन करें और शेयर सर्च करें: होम स्क्रीन पर सर्च आइकन पर क्लिक करें और कंपनी का नाम टाइप करें (जैसे डाबर)।
  2. शेयर डिटेल्स चेक करें: शेयर की करंट प्राइस, परफॉर्मेंस (1 दिन, 1 हफ्ता, 1 महीना, 1 साल), और फंडामेंटल्स देखें।
  3. बाय ऑप्शन चुनें: "Buy" बटन पर क्लिक करें।
  4. क्वांटिटी डालें: कितने शेयर खरीदने हैं, वह डालें (जैसे 1 शेयर)।
  5. प्राइस सेट करें: - मार्केट प्राइस: करंट प्राइस पर खरीदें (जैसे ₹523)। - लिमिट प्राइस: एक प्राइस सेट करें (जैसे ₹522), और जब प्राइस उस लेवल पर आएगा, तब शेयर ऑटोमैटिक खरीदा जाएगा।
  6. डिलीवरी या इंट्राडे चुनें: - डिलीवरी: लॉन्ग-टर्म के लिए (1 दिन से ज्यादा)। - इंट्राडे: उसी दिन खर

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